भारत की कृषि क्षेत्र में हाल ही में कई महत्वपूर्ण घटनाएँ हुई हैं। कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घोषणा की कि वित्त वर्ष 2024-25 में भारत का कुल खाद्यान्न उत्पादन 106 लाख टन बढ़कर 1,663.91 लाख टन हो गया है। यह वृद्धि पिछले वर्ष की तुलना में उल्लेखनीय है और भारत को “विश्व का खाद्य टोकरी” बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
“वन नेशन, वन एग्रीकल्चर, वन टीम” पहल
नागपुर में आयोजित “कृषि संवाद” कार्यक्रम में शिवराज सिंह चौहान ने “वन नेशन, वन एग्रीकल्चर, वन टीम” पहल की शुरुआत की। इस पहल का उद्देश्य बेहतर बीज, मिट्टी परीक्षण और लागत प्रभावी कृषि तकनीकों के माध्यम से रोग-मुक्त और उच्च गुणवत्ता वाली नर्सरी को बढ़ावा देना है। इसके तहत पुणे में एक राष्ट्रीय स्तर की प्रयोगशाला स्थापित की जाएगी, जो पौधों की मूल प्रजातियों पर शोध करेगी।
कृषि क्षेत्र में तकनीकी नवाचार
भारत सरकार ने राष्ट्रीय मृदा स्पेक्ट्रल लाइब्रेरी की स्थापना की है, जो हाइपरस्पेक्ट्रल सेंसर तकनीक के माध्यम से मिट्टी की गुणवत्ता, पीएच स्तर, घनत्व और पोषक तत्वों की संरचना का विश्लेषण करेगी। यह पहल किसानों को उनकी मिट्टी की सही जानकारी देने और फसल उत्पादन को बढ़ाने में मदद करेगी।
कृषि मंत्री की किसानों से चर्चा
इसके अलावा, इंडस वाटर ट्रीटी को अस्थायी रूप से रोकने के बाद, कृषि मंत्री किसानों से मिलने जा रहे हैं ताकि वे इस निर्णय के लाभों पर चर्चा कर सकें। इस कदम से सिंचाई के लिए अधिक पानी उपलब्ध होगा, जलविद्युत क्षमता बढ़ेगी और किसानों की आजीविका सुरक्षित होगी।
भारत की कृषि क्षेत्र में हो रहे ये बदलाव किसानों की आय बढ़ाने, उत्पादन को बढ़ावा देने और कृषि को अधिक टिकाऊ बनाने में सहायक होंगे। सरकार की नई योजनाएँ और तकनीकी नवाचार कृषि क्षेत्र को आधुनिक बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
आपको यह जानकारी कैसी लगी? क्या आप किसी विशेष कृषि विषय पर अधिक जानना चाहेंगे? 🚜🌾