मशरूम की खेती

आज के समय में जब खेती में लागत बढ़ती जा रही है और ज़मीन की उपलब्धता सीमित होती जा रही है, ऐसे में मशरूम की खेती (Mushroom Farming) किसानों के लिए एक सुनहरा अवसर बन चुकी है। मशरूम यानी कि ‘खुम्बी’ एक पौष्टिक और बाजार में महंगे दामों पर बिकने वाली फसल है, जिसे कम जगह और कम लागत में उगाया जा सकता है।

मशरूम क्या है?

मशरूम एक प्रकार की फफूंदी (Fungus) है जो नम और अंधेरे वातावरण में उगती है। यह स्वादिष्ट होने के साथ-साथ प्रोटीन, फाइबर, विटामिन B और खनिजों से भरपूर होती है।

मशरूम की खेती के प्रकार

कम लागत में अधिक मुनाफा देने वाली फसलें

मशरूम की खेती आज के समय में एक लाभदायक और टिकाऊ कृषि व्यवसाय बन चुकी है। यह खेती न केवल कम स्थान में की जा सकती है, बल्कि कम लागत में अच्छा मुनाफा भी देती है। मशरूम का उपयोग खाने में, औषधियों में और व्यावसायिक उत्पादों में किया जाता है।

मशरूम की कई किस्में होती हैं, लेकिन भारत में कुछ खास प्रकार की मशरूम की खेती अधिक होती है। आइए जानते हैं मशरूम की खेती के प्रमुख प्रकार

1️⃣ बटन मशरूम (Button Mushroom)

वैज्ञानिक नाम: Agaricus bisporus

  • यह भारत में सबसे ज़्यादा उगाई और खाई जाने वाली मशरूम है।
  • ठंडी जलवायु (15–20°C) में अच्छी होती है।
  • इसमें सफेद, गोल आकार की टोपी होती है।
  • इसे उगाने में थोड़ी अधिक देखभाल और नियंत्रित वातावरण की जरूरत होती है।

फायदा: बाज़ार में इसकी सबसे ज़्यादा मांग होती है।

2️⃣ ऑयस्टर मशरूम (Oyster Mushroom)

वैज्ञानिक नाम: Pleurotus spp.

ऑयस्टर मशरूम (Oyster Mushroom)
  • यह गर्म और आर्द्र जलवायु (25–30°C) में उगाई जाती है।
  • इसकी टोपी सीप (oyster) की तरह होती है।
  • इसे भूसे, लकड़ी की बुरादे, और कृषि अपशिष्ट पर उगाया जा सकता है।
  • सबसे आसान और सस्ती मशरूम खेती में गिनी जाती है।

फायदा: शुरुआती किसानों के लिए सबसे अच्छी और तेजी से बढ़ने वाली मशरूम।

3️⃣ पैडी स्ट्रॉ मशरूम (Paddy Straw Mushroom)

वैज्ञानिक नाम: Volvariella volvacea

  • इसे मुख्यतः धान के पुआल पर उगाया जाता है।
  • गर्म और नम मौसम (30–35°C) के लिए उपयुक्त।
  • बहुत तेजी से उगती है – सिर्फ 15–20 दिनों में फसल तैयार हो जाती है।

फायदा: तेज़ उत्पादन और कम लागत।

4️⃣ शिटाके मशरूम (Shiitake Mushroom)

वैज्ञानिक नाम: Lentinula edodes

  • यह मशरूम मुख्यतः लकड़ी के लट्ठों पर उगाई जाती है।
  • यह औषधीय गुणों से भरपूर होती है।
  • इसे उगाने में समय लगता है लेकिन बाज़ार में कीमत अधिक मिलती है।

फायदा: हेल्थ सप्लीमेंट और मेडिसिन इंडस्ट्री में उपयोग।

5️⃣ मिल्की मशरूम (Milky Mushroom)

वैज्ञानिक नाम: Calocybe indica

  • यह सफेद रंग की होती है और गर्म मौसम में उगाई जाती है।
  • 25–35°C तापमान पर अच्छी तरह विकसित होती है।
  • भारत के दक्षिणी हिस्सों में अधिक प्रचलित।

फायदा: बटन मशरूम का अच्छा विकल्प, जिसकी शेल्फ लाइफ लंबी होती है।

मशरूम की खेती के फायदे

1. कम ज़मीन में अधिक उत्पादन

मशरूम को वर्टिकल ट्रे या बैग्स में उगाया जा सकता है, जिससे छोटी जगह में अधिक उपज ली जा सकती है।

2. कम लागत और अधिक लाभ

शुरुआत में लागत कम होती है और यदि सही तरीके से प्रबंधन किया जाए, तो अच्छा लाभ प्राप्त होता है।

3. रोज़गार के नए अवसर

मशरूम की खेती बेरोज़गार युवाओं, महिलाओं और छोटे किसानों के लिए आय का एक नया स्रोत बन रही है।

4. जल और रासायनिक खाद की ज़रूरत नहीं

मशरूम की खेती में न सिंचाई की जरूरत होती है और न ही रासायनिक खाद की।

5. तेज़ी से कटाई

कुछ प्रजातियाँ 20–25 दिनों में तैयार हो जाती हैं, जिससे बार-बार उत्पादन संभव है।

मशरूम की खेती कैसे शुरू करें?

  1. साफ और छायादार स्थान का चयन करें।
  2. सबस्ट्रेट (जैसे भूसे या सूखे पत्तों) को गर्म पानी में उबालकर तैयार करें।
  3. स्पॉन (बीज) को बैग या ट्रे में सबस्ट्रेट के साथ मिलाकर रखें।
  4. नमी और तापमान (25-30°C) का विशेष ध्यान रखें।
  5. 15-20 दिन में मशरूम निकलने लगते हैं, जिन्हें कटाई कर बाज़ार में बेचा जा सकता है।

बाजार में मांग

शहरों, होटलों, रेस्टोरेंट और हेल्थ फूड स्टोर्स में मशरूम की मांग लगातार बढ़ रही है। आप ताज़ा मशरूम के साथ-साथ सूखे मशरूम, मशरूम पाउडर, या अचार के रूप में भी बिक्री कर सकते हैं।

सरकारी सहायता

  • ICAR और कृषि विश्वविद्यालयों द्वारा प्रशिक्षण कार्यक्रम।
  • नाबार्ड और अन्य संस्थाओं से ऋण और सब्सिडी योजनाएं।

मशरूम की खेती एक आधुनिक, लाभकारी और टिकाऊ कृषि व्यवसाय है। यदि इसे वैज्ञानिक तरीके से और बाजार की मांग के अनुसार किया जाए, तो यह कम समय में अधिक मुनाफा देने वाला व्यवसाय बन सकता है। खास बात यह है कि इसे कोई भी व्यक्ति घर से ही शुरू कर सकता है।

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